मै दिल्ली के पीरागढ़ी चौक पर स्थित एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूं। मेरे घर से मेरी कंपनी तक तकरीबन हर रेड लाइट पर भीख मांगने वाले मिलते है।
मेरे हिसाब से भीख मांगने में बुराई नहीं क्योंकि मजबूरी सब कुछ करवाती है। (इस बारे में सबकी अलग राय हो सकती है।) पर उन सब भिखारियों में एक बात मुझे जो ठीक नहीं लगती वो है छोटे बच्चो को भीख मांगना।
औरते छोटे बच्चो के सर पर झूटी चोट वाली पट्टी बांधकर ओर उनको केमिकल सूंघा कर सुलाए हुए भीख मांगने बैठी होती है। वहां से गुजरने वाले वाले अधिकतर लोग ये पीड़ादायक दृश्य देखकर उनको कुछ पैसे दे देते है और सोचते है कि आज उन्होंने कुछ धर्म का काम किया।
मगर मेरी नजर में वो दो तरह से बुरा करते है और उनको इसका पता ही नहीं होता। एक तो वो ग़लत लोगो को पैसा देते है और दूसरा वो चाइल्ड ट्रैफिकिंग को बढ़ावा देते है। मै किसी को ज्ञान देने कि कोशिश नहीं कर रहा। कोई भी इस बात की पुष्टि स्वयं जांच करके कर सकता है।
मेरी सिर्फ इतनी गुजारिश है आप सभी पाठकों से कि कभी भी बच्चो को या उनको लेकर बैठे लोगो को पैसे ना देकर खाने पीने का सामान दे। जिससे आपके धर्म की भी हानि नहीं होगी और देश में भीख मांगने के लिए बच्चे चुराने में भी कमी आएगी।
आपको बात अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरुर करे।
क्योंकि जब तक सभी नहीं जागेगें तब तक बच्चे यूंही भीख मांगेंगे।
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