‘सब धरती कागज करू,लिखनी सब बनराय 

सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय’

बीते कुछ दिनों जिस जिंदादिली और प्रेम भाव मे मैं रह रहा हूँ । शायद ही वह भाव कभी मुझे मिला हो। कुछ बहुत बड़ी achhivment नही मिली है अभी प्रयास में ही हुं परन्तु मन का एक कोना शायद जानता है कि अच्छा हो या बुरा अब जो भी हो जीवन मे एक दरवाजा है जहां से समता, करुणा, और अथाह प्रेम सरिता बहती रहती है। एक धाम है जहां की मिट्टी में जादू है ,एक मूर्ति है जिसके दर्शन मात्र से सारे अगम पथ सरल हो जाते है। एक बाल छवि है जो देखते ही आपको दीवाना बना दे। 

मुझे अभी तक स्वामी जी दर्शनों का सौभाग्य नही मिला😢 पर मुझे पूरा यकीन है वो सब सुन रहे है वो सब जान रहे है ,वो  सब देख रहे है।

हे! स्वामी जी जन्म दिन की अनंत शुभकामनाये🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐❤❤❤❤❤❤🏵🏵🏵🏵🏵❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏