उस दिन भगवान अत्यधिक प्यारे लग रहे थे उनकी मुस्कान का जादू  ठंडी हवा के झोंके की भांति चित्त को आनंदित कर रहा था ।

ऐसा क्या था?  पता नही🤔  इस विषय में मैंने जिन से भी बात की किसी से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला ।

कुछ देर बाद (निर्धारित समय पर ) सुबह की आरती के लिए स्वामी जी मंदिर मे पधारे ।

 प्रवचन मे स्वामी जी ने कहा  ——- भगवान तो अपने जन्मदिन पर भी देते ही हैं—– सुनकर आभास तो हुआ कि आज हम सब पर मेरे गुरुदेव की विशेष कृपा होने वाली है ।

परंतु—-क्या? यह अभी रहस्य था।—–

रहस्य से पर्दा उठाते ही—–

  स्वामी जी के कृपा वचन सुनकर — सबके ह्रदय में  प्रेम, कृतज्ञता और धन्यवाद की उमड़ती  हुई सागर की लहरें अश्रु रूप में मोती बिखेरने  लगी। 

स्वामी जी——–आज सब गर्भ गृह में जा सकते हैं , (5 से 7 सेकंड के लिए)।

कुछ ही देर बाद स्वामी जी ने कहा — आप भगवान को स्पर्श भी कर सकते हैं ।

श्री हरि भगवान को स्पर्श——😍

सुनकर क्या अनुभव हुआ —— शब्दो मे वर्णन करना असंभव है मेरे लिए 🙏🙏

 स्वामी  जी ने फिर कहा  —–‘ आप सब दर्शन करते रहिएगा और हम थोड़ी देर में चले जाएंगे ।  तभी मंदिर के किसी कोने से आवाज आई —-डोंट गो (Don’t go)।

आश्चर्यचकित व विस्मित करने वाला दिव्य दृश्य———- 

वाह —- क्या मनोहारी दर्शन थे। भगवान और गुरुदेव दोनो ही मेरे इतने पाससस

स्वामी जी स्वयं गर्भ गृृह के द्वार पर ( 2 घंटो से अधिक) विराजमान हो गये।

गर्भ गृृह में प्रवेश करते हुए  मेरे कदम गर्भ गृह के द्वार पर ही थम गये क्योंकि मैं सोच रही थी क्या मैं गर्भ गृृह में जाने की अधिकारी हूँ? यह अधिकार तो केवल संतो का है ना ———

देखो तो—- फिर भी ……. स्वामी जी ने हमे इसी वर्ष यह अद्भुत सुअवसर प्रदान किया। ( यह सुअवसर 2024 में मिलने वाला था)  ।   

    स्वामी जी ने हम सब का मार्गदर्शन भी किया कि हमें भगवान से क्या मांगना चाहिए और क्या उनके चरणों में अर्पण करना चाहिए ।

मेरे तो –सतगुरु, काग को हंस बनाते है। 

अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मैं किस दिन की बात कर रही हूं जी हां …….. 10 अप्रैल 2022 राम नवमी श्री रामचंद्र जी का जन्मदिन …….     

उस दिन ऐसा लग रहा था मानो —- भगवान स्वयं मोक्ष- द्वार  खोल कर मनोरम रूप धरकर  अपने बच्चो की प्रतीक्षा कर रहे है।   तथा हमारे गुरुदेव अपनी छत्रछाया में  हमें स्वयं भगवान के चरणों तक पहुंचा रहे है ।

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय ।

बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताए ।।

सत्य ही है–  गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा है क्योंकि वही भगवान तक पहुंचने का मार्ग बताते हैं।

परन्तु— हमारे गुरुदेव तो हाथ थामकर भगवान तक पहुंचा भी देते है🙏🙏

 इसीलिएएएए—-  उस दिन भगवान की मुस्कुराहट अधिक  प्यारी व रहस्यमई थी क्योकि  आज वह अपने करीब बुलाकर अपने बच्चों पर विशेष कृपा और प्रेम की वर्षा करने वाले थे।

श्री हरि भगवान से यही प्रार्थना है कि वह सदैव हम सभी अपने नादान बच्चों  को अपनी कृपा दृष्टि में रखें ।

भगवान सबको खुश और स्वस्थ रखें ।

।।जय श्री हरि।।🙏