हमे हमेशा सकारात्मक सोचना I चाहिए। लेकिन हर बार सकारात्मक हो यह संभव नही है । यहां तक कि मैं भी हर बार सकारात्मक नहीं रह पाता परंतु जितना हो सके उतना सकारात्मक रहने की कोशिश जरूर करता हूं। कुछ चीजे हमारे लिए इतने बहुमूल्य हो जाते है हमारे लिए उनकी हानि होने पर उनके प्रति सकारात्मक नहीं रह सकते है । और इस मेरे साथ कई बार हुआ है। अपने आप कोई किसी के भीं प्रति इतना भी लगाव नहीं रखना चहिए। की उसके खो जाने पर हम खुद को संभाल ही नही पाए । क्यों की इस संसार मैं जो आया है वो एक न एक दिन नष्ट हो ही जायेगा। जब मनुष्य खुद अमर नही है अगर जन्म लिया है तो मरण का भी सामना करने पड़ेगा। अतः अब निष्कर्ष यहीं निकलता है की हमे किसी के भी प्रति इतना आसक्त अर्थात् निर्भर या लगाव नहीं होना चाहिए। की उसके  खो जाने पर हम खुद को संभाल भी ना पाए।