जिसमे सुधार आवश्यक है
मेरे कुछ खास अनुभव
नियंता की नियति
क्या हिन्दी भाषी पिछड़े हैं
क्या उपासना का स्वरूप ऐसा भी होता है
कोई है जो हमारे अंतर्मन को पढ़ता है
सुंदर चेहरे वाले राक्षस
मेरे खास अनुभव और विचार
भ्रांतियां और सत्यता
बहुत अंतर है वासना और प्रेम में
मेरा तो धर्म से विश्वास ही उठ गया है
कोई तीसरी आंख है जो हमें हर पल देख रही है
जेहन मे उसकी याद आई तो सोचा लिख डालूं
क्या हम जिनके फैन हैं वो हमें जानते भी हैं