3y ago

महाशिवरात्रि

दिव्य प्रेम की जीती जागती रात्रि

3y ago

तुम्हारा पिता भूतकाल से

'ये जगत अनिश्चितताओं का नीड़ है इसलिए कभी भी घबराना मत'

3y ago

“एकांत और अकेलापन”

एकांत में हम घुलते हैं जबकि अकेलापन हमे घोलता है

3y ago

पेड़ पे बैठा हाथी

" क्या सोच रहा है ये आखिर?

3y ago

यशोधरा

बुद्ध ने संसार को रौशन किया ,क्या यशोधरा की अंधियारी कोठरी जगमग कर पाए?

3y ago

गुरु वही जिसका गुरुत्व हो

क्या कहूँ? क्या लिखूं? न शब्द हैं ,न ही योग्यता।

4y ago

‘शरण रखो हे नाथ ! ‘

'शरण रखो हे नाथ ! , कातर मन ,चकोर नयन ढूंढे चंदा सी छवि...

4y ago

खण्डहर भाग-3

स्कूल और मीठी याद

4y ago

खंडहर …(भाग -2)

'किताब और रहस्यमयी संसार'

4y ago

25 के हो गए हो…

अब क्या करूँ, उम्र मेरे हाथ मे थोड़ी है जो उसे भी अपने साथ...

4y ago

“वेश्या”

'रात के अंधेरे में पर्दा डाल के आते हो,मेरे बदन का पर्दा उठाते हो,पर्दा...