
Satyam Tiwari
मेरा समर्पण जुगुनू की तरह है जैसे घोर अंधियारी में फैलते -सिकुड़ते उसके अंदर रोशनी के नन्हे कण, पर मेरा अस्तित्व पूर्णतः उनकी कृपा का उत्पाद है। ॐ स्वामी नमो नमः⚛️❤️❤️🌺🌺👏👏👏👏
Satyam's writings
भूल भुलैया
हर किसी के जीवन की भूल-भुलैया
मेरे हनुमान
हनुमान साधना🌺🌺
नदी
' मैं नदी था या नदी मुझ में थी'
परम् आलसी😁😁
आलस नगर का आलसी, एक दिन आलस भवन में।
परम् आलसी😁
आलसी होते नहीं ,आलसी अवतार लेते हैं😁
ANGER BOM
क्रोध से हुआ विस्फ़ोट अपने आस-पास के साथ सबसे ज्यादा हमें आहत करता है
😁😁आनंद की खोज😁😁(प्रशंसा और निंदा)
बेचारा इंसान आदिकाल से आनंद का खोजी है
महाशिवरात्रि
दिव्य प्रेम की जीती जागती रात्रि
तुम्हारा पिता भूतकाल से
'ये जगत अनिश्चितताओं का नीड़ है इसलिए कभी भी घबराना मत'
कबीर
कबीर की नज़र🌺🌺
“शोहरत और मदिरा”
#write choice# random thoughts
“एकांत और अकेलापन”
एकांत में हम घुलते हैं जबकि अकेलापन हमे घोलता है
पेड़ पे बैठा हाथी
" क्या सोच रहा है ये आखिर?
कबीर
कबीर की नज़र
‘कबीर’
कबीर की नज़र