अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
कौन कहते हे भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं ।
कौन कहते है भगवान खाते नहीं,
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं ।
कौन कहते है भगवान सोते नहीं,
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं ।
कौन कहते है भगवान नाचते नहीं,
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं ।
उठते बैठते चलते फिरते,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
महामंत्र का जप करते रहो ।
कृष्ण लीला का वर्णन सुनते रहो,
कृष्ण भजन के दोहे दोहराते रहो ।
कृष्ण कथाओं का रसपान करते रहो,
कृष्ण भक्ती के गीत गाते रह़ो ।
गोपियों की तरह कृष्ण को चाहते रहो,
कृष्ण प्रेम में खुद को भुलाते रहो ।
हर पल कृष्ण को याद करते रहो,
कृष्ण नाम की माला जपते रहो ।
नाम जपते रहो काम करते रहो,
हर समय कृष्ण का ध्यान करते रहो ।
याद आएगी उनको कभी ना कभी,
कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी ।

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