प्रणाम प्रिय स्वामीजी 🙇🙇🙏🙏
मुझे प्रसिद्ध संत रविदास जी की अनमोल पंक्तीयां याद आ रहि है । जो अपने भगवान से कह रहे है , हे प्रभू जी आप हि सब कुछ हो हम तो आप के दास है और हमें आप कि सेवा करने में हि आनंद आता है ।
मेरे मन में भी आप के लिए यहि भावना आ रहि है स्वामीजी , आप के नाम कि जो रट लगी है वो अब कभी छुटे नहिं । हमेशा मेरा मन आपकी भक्ती में व्यस्त हो । आपका स्मरण मुझे हमेशा रहे । आप चंदन है और हम पानी , आप प्रेम के घन है तो हम चकोर , आप दिपक है तो तो हम बाती , आप मोती है और हम धागा , आप हमारे स्वामी है और हम आपके दास 🙏🙏
अब कैसे छूटै स्वामी नाम रट लागी
स्वामी जी, तुम चंदन हम पानी ,
जाकी अँग-अँग बास समानी 🌷
स्वामी जी, तुम घन बन हम मोरा ,
जैसे चितवत चंद चकोरा 🌷
स्वामी जी, तुम दीपक हम बाती ,
जाकी जोति बरै दिन राती 🌷
स्वामी जी, तुम मोती हम धागा,
जैसे सोनहिं मिलत सुहागा 🌷
स्वामी जी, तुम स्वामी हम दासा ,
ऐसी भगति करै तेरे दासा 🙏🙏
मेरा मन चाह रहा है ,
अब कभी ना छुटे स्वामी नाम रट लागी …
आपके चरणों में अनंत अनंत प्रणाम प्रिय स्वामीजी 🌺🌺 All glories to you My Lord 🙏🌷❤️⭐☘️🌻🌸🌹🌻
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