किससे बना है चॉंद ?
अंधेरी रातों को जगमग करता
आसमाँ की शोभा बढ़ाता
वो ख़ूबसूरत चाँद, आख़िर किस चीज़ से बना है ?
वो शुभ्र चॉंदनी
वो प्रतिष्ठा बढ़ाते दाग
वो बदलते रंग और आकार
आख़िर किन चीजों का है ये कमाल ?
सूरज से लगातार वाइटिमन डी
अनगिनत तारों की चमक
मिट्टी में कोई जादुई कण
या वक़्त ने बढ़ाया है इसका इन्द्रजाल ?
जब चॉंद से पूछा, तो उसने मुस्कुरा कर कहा
बताता हूँ आज ये राज़ की बात
ये तो लोगों का है प्यार !
मुझे देखकर सब यादें बनाते हैं
कुछ मेरे, कुछ देखने वालों के साथ बाँटते हैं
न देखते हैं मेरे दाग
ना ही बदलते आकार
बस साझा किया करते है
मधुर गीत और विचार
युगों से भर रहा हूँ ये बातें
मुझमें बस्ती हैं अनगिनत लोगों की सुहावनी यादें
यही यादें मुझे सम्पूर्ण करती हैं
मेरी चॉंदनी इन्हीं से बनती है
विश्व में रौशनी छलकाती है
और मुझे आकर्षक बनाती है
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