तेरी टहनी को पकड़े हूँ
तुझे दोनों हाथ से जकड़े हूँ
मैं टूट रही पर टूटी न
अपने युद्ध से मैं रूठी न
तुझ पर सब बोझा डाल दिया
तेरी डाल पे घोंसला शिफ्ट किया
अब किसी फ़िक्र में डूबी न
कुछ टूट रही पर टूटी न
मैं अपने युद्ध से रूठी न
अपनी किस्मत पे फ़क्र करूँ
कुछ साधना और कुछ कर्म करू
बस तेरा हर दम जिक्र करूँ
अब बात और कोई सूझे न
कुछ टूट रही पर टूटी न
मैं अपने युद्ध से रूठी न
अब डट कर अस्त्र चलाऊंगी
शस्त्र भी सारे अपनाऊंगी
जीत के फिर लौट आऊँगी
मैं टूट टूट कर जुड़ जाऊंगी
मैं टूट रही पर टूटी न
अपने युद्धओँ से रूठी न
जब तेरा आसरा पाया है
तेरे पेड़ की मुझ पर छाया है
फिर कौन सी तीखी किरणों का
मुझे खौफ़ या डर भरमाया है
मैं टूट के भी हूँ टूटी न
और अपने युद्ध से रूठी न
🌹🌹🌹🌹🌹जय श्री हरि 🌹🌹🌹🌹🌹🌹
माँ देख लेगी, माँ देख लेगी..
माँ देख लेगी माँ देख लेगी….
सबको देखेगी माँ, सबका देखेगी माँ
सब की दाती है माँ, सब जान जाती माँ
माँ देख लेगी… माँ देख लेगी
सब को संभालेगी, सब दर्द ले लेगी
फिर हिम्मत दे कर के, कुछ और निखारेगी
माँ देख लेगी…. माँ देख लेगी…
मेरे अंतर की परतें, कुछ और उघाड़ेगी
जो मैल जमा जन्मों की, वो आपे झाड़े गी
माँ देख लेगी…. माँ देख लेगी
इक सुन्दर मन ले कर, तेरे पास बैठूंगी
तेरे नामों की माला, दिन रात फेरूंगी
माँ कृपा करेगी माँ कृपा करेगी
माँ की किरपा से ही, मैं धन्य होऊँगी
इक बार जुड़ गई तो, फिर कभी न रोऊँ गी
माँ जोड़ लेगी माँ जोड़ लेगी….
इस मन के मंदिर में, इक गुफा निराली है
उस गुफा दे विच बैठी, माँ शेरा वाली है
माँ दर्शन देगी…. माँ दर्शन देगी…..
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