नून्नू किट्टी कीआखिरी निशानी …….ठंडी में वह दोनो धूप मे आराम फरमाती।जब किट्टी शिकार के लिए जाती तो नून्नू को छिपाकर जाती। परंतु मेरी आवाज सुनकर पनीर खाने के लिए वह बाहर आ जाती । किट्टी ने उसे छोड़ दिया तो 3 महीने की नून्नू हमारे पास रहने लगी। जंगली बिल्ली ग्रेसी की बच्ची नॉटी भी उसी की उम्र की थी
ग्रेसी ने भी उसको छोड़ दिया ।दोनों सखियाँ अपने लाल रंग के घर में रहने लगी।
कुछ दिन बाद ग्रेसी के कहर ने दोनों को अलग होने पर मजबूर कर दिया ।
पिछले वर्ष जुलाई में पदम जी नून्नू को अपने घर लेकर गये,परंतु वह नदी में पानी बढ़ने के बावजूद बार -बार आश्रम में अपने जीवन की परवाह न करते हुए भी पहुंच जाती ?(जबकि बिल्ली तो पानी से डरती है।)पता है क्यों ?? …मां की ममता के कारण…. उसने आश्रम आने पर सबसे पहले अपने बच्चों को ऐसे स्थान पर रखा जहां पर उनको देखा जा सके नून्नू का अनुमान सही था फिर किसी ने उसे आश्रम से बाहर जाने के लिए नहीं कहा।
जी हां…… मीना और डीका की तरह उसने भी 4 बच्चों को जन्म दिया था ,जिसका किसी को नहीं पता था।
परंतु अफसोस….. उसी रात नून्नू के बच्चों की भी मीना के बच्चों की तरह हत्या कर दी गई| और नन्नू व्याकुल होकर दिन- रात बच्चों को ढूंढ रही थी। उसी शाम लगभग 8:00 बजे नून्नू ने करुणस्वर मे मंदिर की छत से मुझे पुकारा और वह( Ladies Dormitory )लेडीज डॉरमेट्री की ओर इशारा कर रही थी। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था और मैं वही सीढ़ी पर बैठ गई। वह कभी मेरी गोद में बैठती कभी नीचे उतरकर चहल कदमी करने लगती ।लगभग 9:30 बजे मुझे पता चला कि नून्नू को बच्चों के साथ वहां भी देखा गया था। बहुत प्रयास के बाद चाबी मिली और मैंने नुनू के साथ बच्चो को ढूंढने का असफल प्रयास किया|
4 नवम्बर दिवाली की रात नून्नू ने 2 बच्चों टिम्सी और टिंकू को जन्म दिया| परंतु मैं उनको देखने नहीं गई। क्यों…..? यह आप पूछ रहे हैं 😎?अरे ….फिर मुझे लगाव हो जाता है इसलिए।।
10 दिसंबर की सुबह (मेरे कमरे के बाहर) अरे ….यह कैसा शोर है ? नून्नू के बच्चे मेरे घर के सामने|🤔🤔
हुआ यूं कि आश्रम में हलचल बढ़ने के कारण नून्नू ने अपने बच्चों को गौशाला में छिपा दिया था।गौशाला में कुत्ते के द्वारा बच्चे पर हमला होंने के कारण वहाँ के सेवादार ने बच्चों को मेरे कमरे के सामने रख दिया।
भगवान ने इन बच्चों को भी मेरे पास भेज दिया|😍😍
करन करावन आपे आप,
मानुष के कछु नाहीं हाथ|।
नून्नू जी तो बच्चों को हमारे भरोसे छोड़ कर घूमती रहती हैं बच्चे भी धूप में बहुत मस्ती करते हैं (बालकनीऔर घर में)| टिस्मी को उछल कूद पसंद है
तो टिंकू को मेरे पास कंबल में दुबक कर सोना||
जिसका जहां अन्न-जल होता है’ ,वह वहां पहुंच ही जाता है।
जय श्री हरि ।।😊

नून्नू
बेनाम रिश्ते
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