अगर हम अपने जीवन को आध्यात्मिकता से जोड़ना चाहते हैं, तो हमें संत जनों की संगत करनी चाहिए | हमें सत्संग का सहारा लेना चाहिए या हमें कोई अध्यात्मिक पुस्तक आध्यत्मिक विचारों से जुड़े रहना चाहिए |
आइए जानते हैं अगर हम इन सब चीजों से जुड़े रहेंगे तो हमें कौन-कौन से फल की प्राप्ति होगी :-
संत जनों की संगत से हमारे सारे विकार दूर हो जाते हैं |
संत जनों की संगत से हमारा अहंकार दूर होकर हमें श्रेष्ठ ज्ञान की प्राप्ति होती है |
संत जनों की संगत में प्रभु का वास होता है |
सत्संग से मनुष्य नाम रूपी रतन से जुड़ा रहता है |
संत जनों की संगत में रहकर हमें प्रभु मिलाप का एहसास होता है |
सत्संग या संत जनों की संगत से मनुष्य मीठे वचन बोलने लगता है |
संत जनों की संगत से मनुष्य का मन एक स्थान पर टिक जाता है |
सत्संग या संत जनों की संगत से हमारे जितने भी वेरी हैं, शत्रु है, वह हमारे मित्र बन जाते हैं |
संत जनों की संगत हमें कोई भी मनुष्य बुरा नहीं लगता, सभी उस परमात्मा की औलाद दिखाई देते हैं |
सत्संग या संत जनों संगत करने से मनुष्य का मन कभी भटकता नहीं |
संत जनों की संगत करने से हमें रामरतन धन मिल जाता है |
गुरमुख की संगत से हमें आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है |
सत्संग में जाने से हमें सभी धर्मों में एक निरंकार परमात्मा को ही देखते हैं |
सत्संग या नेक राह पर चलने से हम अपनी अनेक पीढ़ियों या कुलो का बेड़ा पार लगा सकते हैं |
संत जनों की संगत करने से स्वयं धर्मराज भी आपके शोभा गाते है |
सत्संग जाने से हमारे सारे पाप मिट जाते हैं |
संत जनों की संगत से हमारा यह लोक और परलोक सुखी हो जाता है |
संत जनों की संगत से हमारे सारे संसार की इच्छाएं भी पूरी हो जाते हैं
नेक संगत से हम हर वक्त प्रभु के नाम से जुड़े रहते हैं |
इसलिए हमे सत्संग और नेक संतो से जुड़े रहना चाहिए ताकि अपने जीवन को आध्यात्मिक राह पर ले जा सके ।
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