ज्या सुखा कारणे मन वेडावले
सर्वस्व अर्पूणी स्वामी भजनी रंगले
धन्य धन्य स्वामींचे धाम
तेथे नांदे शांती सर्वकाळ
घालोनी दंडवत करोनी प्रणाम
स्वामी पूजा, भक्ती, अर्चना
नित्य निरंतर स्वामी वंदना
स्वामी भजनी रंगी सोहळा
नाही भिती कसली चिंता उरली
स्वामी नामी समाधी लागली
सर्व सुखाची ती सुखराशी,
स्वामी चरणी भक्ती मुक्ती दासी
ऐका जन हो, यापरी नाही सुखा
म्हणोनी जीव भुलला तो देखा
ज्या सुखा कारणे मन वेडावले
सर्वस्व अर्पूणी स्वामी भजनी रंगले
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हिंदी भाषांतर
ज्या सुखा कारणे मन वेडावले
सर्वस्व अर्पूणी स्वामी भजनी रंगले
जो सुख पाने के लिए मेरा मन व्याकूल है
सर्वस्व अर्पण करके स्वामी भजन में मग्न है ।
धन्य धन्य स्वामींचे धाम
तेथे नांदे शांती सर्वकाळ
स्वामीजी का धाम (आश्रम) धन्य धन्य है जहां सदैव शांतता रहती है ।
घालोनी दंडवत करोनी प्रणाम
स्वामी पूजा, भक्ती, अर्चना
स्वामीजी को दंडवत प्रणाम करके उनकी पूजा , भक्ती , अर्चना चल रहि है ।
नित्य निरंतर स्वामी वंदना
स्वामी भजनी रंगी सोहळा
नित्य निरंतर स्वामीजी को वंदन करके उनके भजन में भक्ती का जैसे समारंभ सजा है ।
नाही भिती कसली चिंता उरली
स्वामी नामी समाधी लागली
किसी प्रकार का डर एवं चिंता नहीं रहि और स्वामीजी के नाम में समाधी लगी है ।
सर्व सुखाची ती सुखराशी
स्वामी चरणी भक्ती मुक्ती दासी
सर्व प्रकार कि सुख राशी – भक्ती , मुक्ती , दासी स्वामीजी के चरणों के पास है ।
ऐका जन हो, यापरी नाही सुखा
म्हणोनी जीव भुलला तो देखा
हे जन , इसके अलावा कोई दुसरा शाश्वत सुख नहीं है ।
इसिलिए मेरा ह्दय स्वामीजी को अर्पण है ।
ज्या सुखा कारणे मन वेडावले
सर्वस्व अर्पूणी स्वामी भजनी रंगले
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All glories to dearest swamiji 🙏🌷💕🌸🌼☘️⭐❤️🌹🌺🌻💐
– अमृता विनायक सोनवणे
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