पिछले वर्ष 4 सितंबर की शाम को चार बिल्ली के बच्चे( 2 महीने से कम की आयु के) आश्रम की रसोईघर के पास सहमें हुए बैठे थे| किसी को नहीं मालूम था कि उन्हें यहां कौन छोड़कर गया है| रात के 9:00 बजे जब ठंड बढ़ने लगी और उनको लेने कोई नहीं आया तब हम उन्हें घर ले आए|| बच्चे बहुत ही खराब हालत में थे ,उनके शरीर पर बहुत कम बाल थे ।और उनका पेट अंदर धसा हुआ था| वह सब कमजोरी के कारण चलते हुए लड़खड़ा रहे थे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे उन्होंने बहुत समय से कुछ नहीं खाया है|
हमने उनके रहने की व्यवस्था अपनी बालकनी में एक सुंदर और मुलायम घर में की,उन्हीं का नाम ईना, मीना ,डीका और गुड़िया है|अगले दिन वह सब दूध पीकर बहुत गहरी नींद में सोए जैसे कि कभी सोए ही नहीं थे|
उनमें ईना ही सबसे चुस्त और शरारती था ,जो सब को खेलने के लिए प्रेरित करता था परंतु सहमे हुए बच्चे उसको गुस्सा दिखाते और हमारी गोद में आकर बैठ जाते| रात में भी मुझे उन को सुलाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। क्योंकि वह तो खेलना ही चाहते थे ।सर्दी की रात मे कई बार उनको शाल मे लपेट कर सुलाकर कर आती।जिससे वह स्वस्थ रहें|
रात में जब भी (11:00 बजे से 4:00 बजे) उनका खेलने का मन होता था तो वह दरवाजे के पास आकर आवाज लगाते थे, सबका बुलाने का अंदाज अलग अलग था और मुझे उनको कमरे में बुलाना ही पड़ता था||मुझे भी उनके साथ खेलना बहुत पसंद था।कमरे मे आकर वह बहुत उधम करते थे ।उनको देखकर लगता था जैसे श्री हरि भगवान इस रूप मे मेरे साथ अठखेलियां कर रहे हैं😍और मैं सबकुछ भूल जाती थी😃( शायद आपको पढकर अच्छा न लगे,परन्तु मैं सत्य ही लिखूगी)
(मुझपर तेरी कृपा यूँ विधाता रहे,नाम सुमिरन में तेरा ही आता रहे।।)
सबकी पसंद अलग अलग थी कभी किसी को दूध चाहिए कभी कैट फूड कभी अमूल चीज कभी ताजी रोटी किसी को मलाई ब्रेड और कभी घर में बना हुआ पनीर ।मैं उनको दिन भर खिलाती रहती थी।उन के साथ समय का पता ही नही चलता था।
श्री हरि भगवान की कृपा से लाकडाउन मे भी उनके पसंदीदा भोजन की कभी कमी नहीं हुई।
कुछ दिनों में ही बच्चे सुंदर और स्वस्थ हो गए| अब हम उन्हे घुमाने ले जाते ,कभीकभी बाहर ही छोड आते और वह अच्छे बच्चों की तरह शाम को घर आ जाते।कभी-कभी शरारती बच्चों को ढूंढ कर भी लाना पड़ता था ।😐
शेष फिर ……
.अनु दीदी की प्रेरणा से यह पोस्ट लिखी है ,धन्यवाद दीदी ।
और रौनक मित्तल जी( हमारा पुत्र) को भी बहुत बहुत धन्यवाद, उनके सहयोग के बिना मैं 4 जुड़वा बच्चों की देखभाल नही कर सकती थी।😃😃
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